Saturday, March 8, 2025

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 08-03-2025 नारीरूपेण संस्थिता लक्ष्मीः, नारीरूपेण संस्थिता सरस्वती। नारीरूपेण संस्थिता दुर्गा, नारीरूपेण सर्वदा स्थिता॥"

 SONBHADRA 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 

"नारीरूपेण संस्थिता लक्ष्मीः, नारीरूपेण संस्थिता सरस्वती।
नारीरूपेण संस्थिता दुर्गा, नारीरूपेण सर्वदा स्थिता॥"

(अर्थ: नारी ही लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा का स्वरूप है। वह समाज की आधारशिला है और उसका सम्मान करना सभी का कर्तव्य है।)


 यह दिन न केवल महिलाओं की उपलब्धियों और संघर्षों को याद करने का है, बल्कि उनके अधिकारों, समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का भी अवसर है।

महिला दिवस का महत्व

हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। यह केवल एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि यह एक आंदोलन है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम सच में महिलाओं को वह सम्मान और अवसर दे रहे हैं, जिसकी वे हकदार हैं?

हमारी भारतीय संस्कृति में नारी को हमेशा से "शक्ति", "ममता" और "संस्कार" का प्रतीक माना गया है। प्राचीन काल में महिलाएँ विद्या, राजनीति, युद्ध और साहित्य में अग्रणी रही हैं। गर्गी, मैत्रेयी, रानी लक्ष्मीबाई, कल्पना चावला और किरण बेदी जैसी महान महिलाओं ने यह सिद्ध किया कि अगर उन्हें अवसर मिले, तो वे हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकती हैं।

आज के युग में महिलाएँ हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। फिर भी, कई जगहों पर उन्हें भेदभाव, हिंसा और असमानता का सामना करना पड़ता है। हमें यह समझना होगा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक नारा नहीं, बल्कि समाज की वास्तविक प्रगति की पहचान है। जब महिलाएँ शिक्षित और आत्मनिर्भर बनेंगी, तभी समाज और देश का विकास संभव होगा।

हम सभी का कर्तव्य है कि हम "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ", महिला सुरक्षा और समानता को बढ़ावा दें। हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ने के अवसर देने चाहिए।

"नारी शक्ति को हमें अपनाना होगा,
हर बेटी को आगे बढ़ाना होगा।"

महिला सशक्तिकरण: क्यों जरूरी है?

किसी भी समाज की उन्नति का मापदंड वहाँ की महिलाओं की स्थिति से लगाया जा सकता है। यदि महिलाएँ शिक्षित, आत्मनिर्भर और सुरक्षित हैं, तो वह समाज विकास की ओर अग्रसर होता है। महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) केवल एक नारा नहीं, बल्कि यह एक क्रांति है, जिससे महिलाएँ अपने अधिकारों को पहचानें और आत्मनिर्भर बनें।

एक शिक्षित नारी पूरे परिवार को शिक्षित कर सकती है। इसलिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, महिला सुरक्षा, और नारी सम्मान जैसे अभियानों को हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा।

भारत में महिलाओं का योगदान

हमारे देश में महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। चाहे वह राजनीति में इंदिरा गांधी, अंतरिक्ष में कल्पना चावला, खेल में पी. वी. सिंधु, पुलिस में किरण बेदी, या विज्ञान में टेसी थॉमस हों, उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर उन्हें अवसर दिया जाए, तो वे किसी से पीछे नहीं हैं।

हमारे शास्त्रों में कहा गया है:
"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।"
(जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं।)

आज भी महिलाओं की चुनौतियाँ

हालाँकि महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन आज भी उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे –
लैंगिक भेदभाव (Gender Discrimination)
घरेलू हिंसा (Domestic Violence)
शिक्षा और रोजगार में असमानता
बाल विवाह और दहेज प्रथा

इन समस्याओं का समाधान तभी होगा, जब समाज में सोच बदलेगी और महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा।

हम क्या कर सकते हैं?

👉 शिक्षा: हमें बेटियों को शिक्षित करना होगा, क्योंकि शिक्षा ही स्वतंत्रता की कुंजी है।
👉 समानता: महिलाओं को घर और कार्यस्थल पर बराबरी का दर्जा देना चाहिए।
👉 सुरक्षा: महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानूनों का पालन करना जरूरी है।
👉 समर्थन: हमें महिलाओं को उनके सपनों को पूरा करने में सहयोग करना चाहिए।

नारी शक्ति को प्रणाम

आज महिला दिवस के अवसर पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम महिलाओं का सम्मान करेंगे, उन्हें समान अधिकार देंगे और उनके सशक्तिकरण में योगदान देंगे।

"नारी है शक्ति, नारी ही है संस्कार,
नारी से ही चलता है जग सारा संसार।"

जय हिंद! जय नारी शक्ति!
🙏💐
























































































































































































































































































































































































































































































अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 08-03-2025 नारीरूपेण संस्थिता लक्ष्मीः, नारीरूपेण संस्थिता सरस्वती। नारीरूपेण संस्थिता दुर्गा, नारीरूपेण सर्वदा स्थिता॥"

 SONBHADRA  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस  "नारीरूपेण संस्थिता लक्ष्मीः, नारीरूपेण संस्थिता सरस्वती। नारीरूपेण संस्थिता दुर्गा, नारीरूपेण...